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शुक्रवार, 25 जनवरी 2013

लाकर मुझको ये प्यारा तिरंगा दिया !

      

काम पप्पा ने कितना  चंगा किया ,
लाकर मुझको ये प्यारा तिरंगा  दिया !



इस तिरंगे की शान निराली बड़ी ,
इसको छत पर फहराने की हसरत चढ़ी ,
वानर दल से मैंने  पंगा लिया !


जब फहरता है ताली बजता हूँ मैं ,
मम्मी-पप्पा को पास बुलाता हूँ मैं ,
मैंने अब न कोई भी दंगा किया !

      गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनायें !

        शिखा कौशिक 'नूतन '


3 टिप्‍पणियां:

Chaitanyaa Sharma ने कहा…

सभी देशवासियों को हार्दिक शुभकामनायें ....जय हिन्द

सुधाकल्प ने कहा…


शिखा जी ,इस ब्लॉग पर पहली बार आई हूँ आपकी बाल कवितायें बहुत पसंद आईं ।दूसरा ब्लॉग भी देखा ,लघुकथाएं भी पढ़ी ।सुन्दर -सार्थक संरचना के लिए बधाई ।समय मिलने पर बालोपयोगी मेरे ब्लॉग पर भी जाइयेगा ।

बालकुञ्ज -baalkunj.blogspot.com

बचपन के गलियारे -baalshilp.blogspot.com

देवदत्त प्रसून ने कहा…

एक बच्चे के माध्यम से अच्छी बात कही है !