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गुरुवार, 13 नवंबर 2014

आया बाल दिवस ;मुबारक हो तुमको

मम्मी ने सुबह जगाकर कहा Special day
पापा ने गलेलगाकर कहा 







दादा ने टॉफी देकर कहा 
दादी ने गोद बिठाकर कहा 
आया बाल दिवस ;मुबारक हो तुमको .


Gift for childrenChildrenGreat deal...
तुम हो आशाओं के दिएँ
कुछ न मुश्किल  तुम्हारे लिए 
जो सपने 'चाचा' के अब तक अधूरे 
तुमको ही तो अब करने हैं पूरे 

Creation of god...Chacha nehruLove & care...
बगिया के फूलों ने हँसकर कहा 
कोयल ने कूह-कूह करके कहा 
कलियों ने चट-चट चटक कर कहा 
तितली ने थोडा मटक कर कहा 
आया बाल दिवस ;मुबारक हो तुमको .

Shine in lifeKids...Gems to us
फूलों के जैसे महकते रहो 
सूरज के जैसे चमकते रहो 
मान बढ़ाना अपने वतन का 
झंडा फहराना सदा ही अमन का 
Let's celebrateLets enjoyLive life

मैडम ने पाठ  पढ़ाकर कहा 
मित्रों ने हाथ मिलाकर कहा 
भैय्या  ने हमको भगाकर कहा
दीदी ने गाना गाकर कहा 
आया बाल दिवस मुबारक हो तुमको .
[web duniya se sabhar sabhi photos ]
                                                                                   शिखा  कौशिक  




रविवार, 22 जून 2014

तिरंगे की शान निराली

       

काम पप्पा ने कितना  चंगा किया ,
लाकर मुझको ये प्यारा तिरंगा  दिया !

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इस तिरंगे की शान निराली बड़ी ,
इसको छत पर फहराने की हसरत चढ़ी ,
                                                     वानर दल से मैंने  पंगा लिया !
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जब फहरता है ताली बजाता  हूँ मैं ,
मम्मी-पप्पा को पास बुलाता हूँ मैं ,
मैंने अब न कोई भी दंगा किया !

   

        शिखा कौशिक 'नूतन '

रविवार, 1 जून 2014

चुनमुन गिलहरी


एक गिलहरी प्यारी-प्यारी
नाम है उसका चुनमुन
सुबह सुबह उठ  जाती  है वो
फुदकती    फिरती वन वन 
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एक रोज वो फुदक रही थी
देखा उसने बाज
थर थर कांपी  जोर से  
हालत हुई ख़राब
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फिर भी उसने जोर से
सबको दी आवाज  
यहाँ नहीं आना कोई
पेड़ पे बैठा बाज
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तभी एक बन्दर आया
जोर से पेड़ हिलाया
पेड़ के हिलते ही
बाज बहुत घबराया
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बाज वहां से भाग लिया
तो बन्दर भी मुस्काया
चुनमुन ने ली साँस चैन की
बड़ा मजा था आया.
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शिखा कौशिक 'नूतन '

मंगलवार, 15 अप्रैल 2014

पिंकी बिल्ली

    

पिंकी  बिल्ली गई  थी दिल्ली ,लेकर सूटकेस ,

सूटकेस में थे गहने, कंगन, रिंग, नेकलेस ,

ऑटो में  वो ज्यों ही बैठी ,साथ चढ़ा एक चोर ,

सूटकेस लेकर वो भागा , मचा जोर का शोर 

पिंकी भागी उसके पीछे , मारा पीठ पे पंजा ,

चोर गिरा वही सड़क पर, पापी नीच लफंगा ,

पिंकी ने फिर गला दबाकर उसको यूँ धमकाया ,

मैं हूँ मौसी शेर की बेटा ! बोल समझ में आया ,

चोर ने डरकर पकड़ लिए बिल्ली मौसी के पैर ,

ऐसी चपल-चतुर मौसी से रखना न बच्चो बैर !

     शिखा कौशिक 'नूतन '